Sep 8, 2012


'बाल मजदूरी' आखिर कब तक???....

हमारे समाज में या फिर यूं कहे कि पूरे देश में एक दौर चल पड़ा है, कि कोई भी समस्या हो हम सरकार की तरफ उंगली उठा देते हैं। प्रत्येक समस्या के लिए हम सरकार को ही जिम्मेदार मानते हैं। और उसके निवारण के लिए भी हम सरकार से ही किसी जादू की छड़ी की उम्मीद करते हैं। क्या हम वाकई इतने विवश हैं कि किसी समस्या का हल नहीं निकाल सकते???....
''Child labour''  अर्थात बाल मजदूरी एक ऐसी समस्या है जो कि हमारे समाज एवं देश के लिए दीमक है। अगर जल्द से जल्द इसे खत्म न किया गया तो निश्चित ही यह देश के विकाश एवं अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक साबित होगा।
हम सभी अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी सुविधाएं देते हैं, उनके सुनहरे भविष्य की कामना करते हैं। लेकिन उस बच्चे के बारे में नहीं सोचते जो हमारे ऑफिस में चाय या कॉफी लेकर आता है, जो कैंटीन या ढाबों में जूठी प्लेट और ग्लास धोता है या जिसे हमने अपने घर या ऑफिस में छोटू बनाकर रखा है।
जरा सोचिए कि क्या समाज का नागरिक होने के नाते समाज की समस्याओं के प्रति प्रथम उत्तरदायित्व हमारा नहीं है???....